2025 में NRI संपत्ति कर: नवीनतम नियम और बचत के उपाय
NRI संपत्ति कर का महत्व
NRI संपत्ति कर उन गैर-निवासी भारतीयों (NRI) के लिए महत्वपूर्ण है जो भारत में संपत्ति रखते हैं या उससे आय अर्जित करते हैं। उत्तर प्रदेश (UP) जैसे राज्यों में संपत्ति प्रबंधन और बिक्री के लिए टैक्स नियम समझना जरूरी है। 2025 में बजट और नए इनकम टैक्स नियमों ने कुछ बदलाव लाए हैं, जैसे लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) पर इंडेक्सेशन हटाना और सेल्फ-ऑक्यूपाइड प्रॉपर्टी पर छूट। डेटा के अनुसार, भारत में 1.3 करोड़ NRI में से 40% के पास प्रॉपर्टी है (इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, 2025)। यह ब्लॉग 2025 के नियमों, प्रक्रियाओं, और बचत के उपायों को सरलता से समझाएगा।
NRI स्टेटस और टैक्स दायित्व
NRI वह व्यक्ति है जो एक वित्तीय वर्ष में भारत में 182 दिनों से कम रहता है। यदि भारतीय आय 15 लाख रुपये से अधिक है, तो रेजिडेंसी नियम सख्त हो जाते हैं। 2025 के नए इनकम टैक्स बिल के तहत, NRI पर केवल भारत में उत्पन्न आय (जैसे किराया या प्रॉपर्टी बिक्री) पर टैक्स लगता है। यह समझना जरूरी है क्योंकि NRI संपत्ति कर का आधार यही है। OCI/PIO कार्डहोल्डर्स पर भी यही नियम लागू होते हैं। सलाह: अपने स्टेटस को incometaxindia.gov.in पर वेरिफाई करें।
उत्तर प्रदेश में म्युनिसिपल प्रॉपर्टी टैक्स
उत्तर प्रदेश में NRI संपत्ति कर का पहला हिस्सा म्युनिसिपल टैक्स है, जो नगर निगम या स्थानीय निकाय वसूलता है। यह संपत्ति के वार्षिक किराया मूल्य (ARV) पर आधारित है, जो सर्किल रेट से तय होता है। 2025 में रेट्स अपडेट हुए हैं: लखनऊ में 15%, नोएडा में 18%। उदाहरण: 6 लाख ARV पर टैक्स लगभग 90,000 रुपये। NRI के लिए कोई विशेष छूट नहीं, लेकिन सेल्फ-ऑक्यूपाइड प्रॉपर्टी पर 20% तक छूट संभव। डेटा: IGRS UP (2025) के अनुसार, सर्किल रेट्स में 5-10% वृद्धि। भुगतान ऑनलाइन nagarnigam.up.nic.in से, डेडलाइन 31 मार्च। देरी पर 1.5% मासिक पेनल्टी। NRI पावर ऑफ अटॉर्नी (POA) से एजेंट को भुगतान सौंप सकते हैं।
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किराया आय पर टैक्स
NRI संपत्ति कर में किराया आय ‘हाउस प्रॉपर्टी इनकम’ हेड के तहत आती है। 2025 में गणना प्रक्रिया:
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ग्रॉस एनुअल वैल्यू (GAV): वास्तविक किराया या 6% ARV, जो कम हो।
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डिडक्शन: 30% स्टैंडर्ड डिडक्शन, म्युनिसिपल टैक्स, और होम लोन इंटरेस्ट (2 लाख तक)।
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टैक्स रेट: न्यू रेजीम में 7 लाख तक 0%, 24 लाख से ऊपर 30%।
उदाहरण: 4 लाख रेंट पर नेट 2.5 लाख, टैक्स 5-20%। अगर किराया 2.4 लाख से ज्यादा, किरायेदार 30% TDS काटेगा। बजट 2025-26 ने दो सेल्फ-ऑक्यूपाइड प्रॉपर्टी पर नोशनल रेंट टैक्स हटाया। डेटा: रेंटल मार्केट में 15% ग्रोथ (ASBL, 2025)। सेक्शन 80C से 1.5 लाख तक बचत। किराया NRO अकाउंट में जमा करें, विदेश ट्रांसफर पर कोई रेस्ट्रिक्शन नहीं।
प्रॉपर्टी बिक्री पर कैपिटल गेन्स टैक्स
NRI संपत्ति कर का महत्वपूर्ण हिस्सा कैपिटल गेन्स टैक्स है। 2024 बजट से बदलाव लागू:
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शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन्स (STCG): 2 साल से कम होल्डिंग, स्लैब रेट्स (30% तक)।
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लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG): 2 साल से ज्यादा, 12.5% फ्लैट (23 जुलाई 2024 से, बिना इंडेक्सेशन)। पहले 20% इंडेक्सेशन के साथ।
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TDS: बायर 12.5% (LTCG) या 30% (STCG) TDS काटेगा।
उदाहरण: 1 करोड़ में बेची प्रॉपर्टी, लागत 60 लाख, गेन्स 40 लाख, टैक्स 5 लाख। सेक्शन 54 (नई प्रॉपर्टी) या 54EC (बॉन्ड्स) से छूट। डेटा: 2024-25 में 2 लाख NRI ने रिफंड क्लेम किया (इनकम टैक्स डिपार्टमेंट)। UP में सेल डीड पर 4% स्टांप ड्यूटी, POA केवल रक्त संबंधियों को।
TDS और रेपेट्रिएशन नियम
NRI संपत्ति कर में TDS चुनौतीपूर्ण है। सेल पर बायर कुल अमाउंट पर TDS काटता है, लेकिन ITR (ITR-2/3) फाइल कर रिफंड क्लेम करें। 2025 में नॉन-फाइलर्स के लिए हाई TDS नियम हटा। रेपेट्रिएशन: NRE अकाउंट से 1 करोड़ तक बिना RBI अप्रूवल। DTAA (जैसे US-India) से डबल टैक्सेशन बचाएं। बजट 2025-26 ने LRS TCS थ्रेशोल्ड 10 लाख किया। UP में सर्किल रेट IGRS UP से चेक करें। रिलेटेड कीवर्ड: NRI TDS ऑन प्रॉपर्टी सेल।
टैक्स बचत के उपाय
कुछ प्रैक्टिकल सुझाव:
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गिफ्ट डीड: परिवार को प्रॉपर्टी ट्रांसफर, टैक्स कम।
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मेनटेनेंस खर्च: रेंट से डिडक्शन क्लेम।
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NPS स्कीम: 2025 में बच्चों के लिए NPS Vatsalya, 1.5 लाख तक बचत।
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ईको प्रॉपर्टी: UP में छूट।
डेटा: 40% NRI TDS ओवरपे करते हैं (ASBL, 2025)। ओरिजिनल सुझाव: प्रॉपर्टी को REITs में कन्वर्ट करें, टैक्स डिफर करें। CA से सलाह लें। रिलेटेड कीवर्ड: NRI टैक्स सेविंग टिप्स।
ITR फाइलिंग और पेनल्टी
NRI संपत्ति कर के लिए ITR-2/3 फाइल करें, डेडलाइन 31 जुलाई। न्यू रेजीम में 7 लाख तक 0% टैक्स। देरी पर 5,000 रुपये पेनल्टी, गलत जानकारी पर 200%। 2025 में न्यू टैक्स बिल से प्रक्रिया सरल। रिलेटेड कीवर्ड: NRI ITR फाइलिंग।
निष्कर्ष
2025 में NRI संपत्ति कर को सही प्लानिंग से मैनेज करें। डेटा से 20-30% बचत संभव। अगर सवाल हैं, जैसे विशिष्ट प्रॉपर्टी टैक्स या रजिस्ट्रेशन, तो डायरेक्ट चैट में पूछें। टैक्स एक्सपर्ट से संपर्क करें।
सही जानकारी से आपकी संपत्ति और वित्त सुरक्षित रहेंगे।