महिलाओं के लिए यूपी में संपत्ति खरीद का सुनहरा अवसर: 1 लाख तक की छूट

1. उत्तर प्रदेश में महिलाओं के लिए स्टांप ड्यूटी छूट

उत्तर प्रदेश सरकार ने 22 जुलाई 2025 को कैबिनेट बैठक में महिलाओं के लिए संपत्ति खरीद में स्टांप ड्यूटी छूट की सीमा को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये कर दिया। इस नीति के तहत, महिलाओं को संपत्ति रजिस्ट्रेशन पर 1% की छूट मिलेगी, जिससे अधिकतम 1 लाख रुपये की बचत होगी।

1 Lakh Discount on Property Purchase for Women महिलाओं को संपत्ति खरीद में 1 लाख तक की छूट

कैसे काम करता है यह लाभ?

  • उत्तर प्रदेश में सामान्य स्टांप ड्यूटी दर पुरुषों के लिए संपत्ति मूल्य का 7% और महिलाओं के लिए 6% है।

  • उदाहरण: यदि कोई महिला 1 करोड़ रुपये की संपत्ति खरीदती है, तो उसे 6 लाख रुपये स्टांप ड्यूटी देनी होगी, जबकि पुरुष को 7 लाख रुपये। इस प्रकार, महिला को 1 लाख रुपये की बचत होती है।

  • यह छूट शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में लागू है, बशर्ते संपत्ति महिला के नाम पर रजिस्टर हो।

  • पहले यह छूट केवल 10 लाख रुपये तक की संपत्ति पर लागू थी, जिसमें अधिकतम 10,000 रुपये की बचत होती थी।

  • गौतम बुद्ध नगर जिले में यह छूट 29 जुलाई 2025 से प्रभावी हो चुकी है, और जिला प्रशासन ने इसे लागू कर दिया है। इससे 35,000 से अधिक फ्लैट खरीदारों को लाभ मिलेगा।

प्रभाव और विशेषज्ञों की राय

  • स्टांप एवं पंजीयन मंत्री रविंद्र जायसवाल ने इसे मिशन शक्ति कार्यक्रम के तहत महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

  • रियल एस्टेट विशेषज्ञों का कहना है कि यह छूट मध्यम वर्ग की महिलाओं को नोएडा, ग्रेटर नोएडा, और गाजियाबाद जैसे शहरों में घर खरीदने के लिए प्रोत्साहित करेगी। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इस सीमा को 2.5 करोड़ रुपये तक बढ़ाने से उच्च-मूल्य वाले बाजारों में भी अधिक प्रभाव पड़ेगा।

  • उत्तर प्रदेश के श्रम मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि यह निर्णय मध्यम वर्ग की महिलाओं को संपत्ति की मालिक बनने में मदद करेगा, जिससे उनका आत्मविश्वास और सामाजिक सम्मान बढ़ेगा।

2. हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 2005: बेटियों को बराबर का हक

2005 में हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम में संशोधन के बाद, बेटियों को संयुक्त परिवार की संपत्ति में बेटों के बराबर अधिकार मिला। सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त 2020 को यह स्पष्ट किया कि यह कानून रेट्रोस्पेक्टिव प्रभाव के साथ लागू होगा, यानी 1956 से पहले की संपत्ति भी इसके दायरे में आएगी।

महत्वपूर्ण बिंदु:

  • यह कानून हिंदू, जैन, सिख, और बौद्ध परिवारों पर लागू होता है।

  • बेटियां, चाहे उनकी शादी हो या न हो, पैतृक संपत्ति में बराबर की हिस्सेदार हैं।

  • यह कानून सामाजिक समानता को बढ़ावा देता है और बाल विवाह, शिक्षा, और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में बेटियों के लिए अवसर बढ़ाता है।

चुनौतियां:

  • उत्तर प्रदेश में पितृसत्तात्मक मानसिकता के कारण, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में, बेटियों को संपत्ति में हिस्सा देने से बचा जाता है।

  • साक्षरता की कमी और कानूनी जागरूकता की कमी के कारण कई महिलाएं अपने अधिकारों का उपयोग नहीं कर पातीं।

3. यूपी राजस्व संहिता 2006 और 2020 संशोधन: तीसरे लिंग को अधिकार

उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 एक धर्मनिरपेक्ष कानून है, जो सभी धर्मों पर लागू होता है। 2020 में किए गए संशोधन के तहत, तीसरे लिंग (थर्ड जेंडर) को भी संपत्ति स्वामित्व, उत्तराधिकार, और विरासत के अधिकार दिए गए।

महत्वपूर्ण बिंदु:

  • यह संशोधन लैंगिक समावेशिता को बढ़ावा देता है।

  • हालांकि, विवाहित और अविवाहित महिलाओं के बीच भेदभाव अभी भी मौजूद है। विवाहित महिलाओं को उत्तराधिकार में पुरुष रिश्तेदारों और अविवाहित महिलाओं की तुलना में कम प्राथमिकता दी जाती है।

  • धारा 108-112 के तहत, यह भेदभाव ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष रूप से स्पष्ट है।

सुझाव:

  • विवाहित और अविवाहित महिलाओं के बीच भेदभाव को समाप्त करने के लिए कानून में और सुधार की जरूरत है।

  • सामाजिक जागरूकता अभियान चलाकर पितृसत्तात्मक मानसिकता को बदला जाए।

4. मिशन शक्ति: महिलाओं का आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण

मिशन शक्ति उत्तर प्रदेश सरकार की एक प्रमुख पहल है, जिसका उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा, आत्मनिर्भरता, और सशक्तिकरण है।

मिशन शक्ति के तहत लाभ:

  • स्टांप ड्यूटी छूट के साथ, महिलाओं को स्वरोजगार और कौशल विकास के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं।

  • ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के तहत महिलाओं को काम और नेतृत्व के अवसर दिए जा रहे हैं। उदाहरण के लिए, ललितपुर की हरिबाई जैसी महिलाएं मनरेगा सुपरवाइजर के रूप में सम्मान और आजीविका कमा रही हैं।

  • वन स्टॉप सेंटर्स और 181 महिला हेल्पलाइन संपत्ति विवादों और हिंसा से निपटने में सहायता प्रदान करती हैं।

प्रभाव:

  • यह कार्यक्रम 12 करोड़ महिलाओं को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य रखता है।

  • संपत्ति स्वामित्व में वृद्धि से महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है।

5. प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY): महिलाओं के लिए विशेष प्रावधान

प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत, उत्तर प्रदेश में महिलाओं को घर खरीदने के लिए विशेष लाभ दिए जा रहे हैं।

महिलाओं के लिए PMAY के लाभ:

  • योजना के तहत, कम से कम एक महिला का सह-मालिक होना अनिवार्य है।

  • आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) और निम्न आय वर्ग (LIG) की महिलाओं को 6.5% ब्याज सब्सिडी और 2.67 लाख रुपये तक की सब्सिडी मिलती है।

  • यह योजना महिलाओं को वित्तीय स्वतंत्रता और संपत्ति स्वामित्व का अवसर प्रदान करती है।

प्रभाव:

  • उत्तर प्रदेश में हजारों महिलाओं ने PMAY के तहत अपने नाम पर घर खरीदे हैं, जिससे उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा और आर्थिक सुरक्षा बढ़ी है।

6. सामाजिक और सांस्कृतिक चुनौतियां

चुनौतियां:

  • पितृसत्तात्मक मानसिकता: ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्ति को पुरुषों के नाम पर रजिस्टर करने की प्रथा आम है। कई बार, छूट का लाभ लेने के लिए संपत्ति को महिला के नाम पर रजिस्टर किया जाता है, लेकिन बाद में इसे पुरुष के नाम पर स्थानांतरित कर दिया जाता है।

  • कम साक्षरता दर: उत्तर प्रदेश में महिलाओं की साक्षरता दर केवल 57.18% है, जो पुरुषों (77.28%) से काफी कम है। इससे महिलाओं को अपने कानूनी अधिकारों की जानकारी कम होती है।

  • संपत्ति में कम हिस्सेदारी: 2017 में मिर्जापुर में भूमिहीन परिवारों को जमीन वितरण में केवल 7% एकल महिलाओं को शीर्षक दिए गए।

समाधान:

  • सामाजिक जागरूकता अभियान चलाकर महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में शिक्षित करना।

  • ग्रामीण क्षेत्रों में कानूनी सहायता केंद्र स्थापित करना।

  • शिक्षा और कौशल विकास पर जोर देना।

7. अन्य वित्तीय और सामाजिक लाभ

  • कर लाभ: यदि कोई महिला अपने पति के साथ संपत्ति की सह-मालिक है और उसकी अपनी आय का स्रोत है, तो वह आयकर अधिनियम के तहत व्यक्तिगत रूप से कर कटौती का दावा कर सकती है।

  • होम लोन में छूट: कई बैंक महिलाओं के लिए कम ब्याज दरों पर होम लोन प्रदान करते हैं। उदाहरण के लिए, SBI और HDFC जैसे बैंक महिलाओं के लिए 0.05% से 0.10% कम ब्याज दरें प्रदान करते हैं।

  • सामाजिक सम्मान: संपत्ति स्वामित्व महिलाओं को पारिवारिक और सामाजिक निर्णयों में अधिक अधिकार देता है।

सत्यापित तथ्य और आंकड़े

  • जनसंख्या: उत्तर प्रदेश की कुल जनसंख्या 19.98 करोड़ है, जिसमें महिलाएं 9.53 करोड़ हैं।

  • साक्षरता दर: महिलाओं की साक्षरता दर 57.18% है, जबकि पुरुषों की 77.28%।

  • श्रम बल भागीदारी: यूपी में महिलाओं की श्रम बल भागीदारी दर 33% है, जो राष्ट्रीय औसत से कम है।

  • महिलाओं के खिलाफ अपराध: 2022 में, यूपी में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में 70.8% सजा दर दर्ज की गई, जो राष्ट्रीय औसत 25.3% से अधिक है।

  • संपत्ति स्वामित्व: 2017 में मिर्जापुर में केवल 7% एकल महिलाओं को भूमि शीर्षक मिले।

भविष्य की राह

  • कानूनी सुधार: यूपी राजस्व संहिता में विवाहित और अविवाहित महिलाओं के बीच भेदभाव को समाप्त करना।

  • जागरूकता अभियान: ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करने के लिए अभियान।

  • डिजिटल एकीकरण: निवेश मित्र पोर्टल के माध्यम से स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को और सरल करना।

  • शिक्षा और कौशल विकास: महिलाओं की साक्षरता और कौशल विकास को बढ़ावा देना।

निष्कर्ष

उत्तर प्रदेश सरकार की स्टांप ड्यूटी छूट, हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, और PMAY जैसी योजनाएं महिलाओं को संपत्ति की मालिक बनने का सुनहरा अवसर प्रदान कर रही हैं। यह न केवल वित्तीय बचत का साधन है, बल्कि सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है। हालांकि, सामाजिक रूढ़ियों और साक्षरता की कमी जैसी चुनौतियों को दूर करने के लिए और प्रयासों की जरूरत है।

महिलाओं के लिए सलाह: यदि आप उत्तर प्रदेश में संपत्ति खरीदने की योजना बना रही हैं, तो इन योजनाओं का लाभ उठाएं। अपने कानूनी अधिकारों को समझें, और अपने सपनों का घर अपने नाम पर रजिस्टर करें। यह आपके भविष्य को सुरक्षित और सशक्त बनाएगा।

नोट: यह ब्लॉग नवीनतम सत्यापित जानकारी पर आधारित है। किसी भी कानूनी या वित्तीय निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लें।