पावर ऑफ अटॉर्नी: नए नियम और प्रक्रिया
पावर ऑफ अटॉर्नी का महत्व
पावर ऑफ अटॉर्नी (POA) एक ऐसा कानूनी दस्तावेज है जो आपको किसी विश्वसनीय व्यक्ति को अपनी ओर से संपत्ति, वित्तीय, या कानूनी मामलों में फैसले लेने की अनुमति देता है। यह विशेष रूप से NRI (Non-Resident Indians) के लिए उपयोगी है जो भारत में मौजूद नहीं हो सकते। उत्तर प्रदेश (UP) में 2023 के बाद पावर ऑफ अटॉर्नी के नियम सख्त हुए हैं, खासकर संपत्ति से जुड़े मामलों में। डेटा के अनुसार, भारत में हर साल लगभग 50 लाख POA रजिस्टर होते हैं, जिनमें से 20% NRI द्वारा बनाए जाते हैं। इस ब्लॉग में हम 2025 के नवीनतम नियम, प्रक्रिया, और सावधानियों को विस्तार से देखेंगे, ताकि आप सही निर्णय ले सकें।
पावर ऑफ अटॉर्नी क्या है और इसके प्रकार?
पावर ऑफ अटॉर्नी एक कानूनी दस्तावेज है जो पावर ऑफ अटॉर्नी एक्ट, 1882 के तहत संचालित होता है। यह प्रिंसिपल, जो POA देता है उसको, किसी एजेंट को विशिष्ट या सामान्य कार्यों के लिए अधिकृत करने की सुविधा देता है। मुख्य प्रकार:
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जनरल पावर ऑफ अटॉर्नी (GPA): एजेंट को व्यापक अधिकार देता है, जैसे संपत्ति प्रबंधन, बैंकिंग, या कानूनी काम। सुप्रीम कोर्ट (2025) के अनुसार, GPA से संपत्ति का स्वामित्व हस्तांतरण अमान्य है बिना रजिस्टर्ड सेल डीड के।
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स्पेशल पावर ऑफ अटॉर्नी (SPA): एक विशिष्ट कार्य के लिए, जैसे एक संपत्ति बेचना। यह सुरक्षित है क्योंकि शक्तियां सीमित होती हैं। लागत: 500-2000 रुपये (चंदा एसोसिएट्स, 2025)।
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ड्यूरेबल POA: प्रिंसिपल की अक्षमता के बाद भी वैध। भारत में कम प्रचलित, लेकिन NRI के लिए उपयोगी।
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रिवोकेबल/इरिवोकेबल POA: 70% POA रिवोकेबल हैं, जिन्हें प्रिंसिपल कभी भी रद्द कर सकता है (NRIWAY, 2025)।
प्रिंसिपल को 18 वर्ष से अधिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होना चाहिए।
पावर ऑफ अटॉर्नी बनाने की प्रक्रिया
पावर ऑफ अटॉर्नी बनाना सरल है, लेकिन सावधानी जरूरी है। निम्नलिखित चरणों का पालन करें:
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ड्राफ्टिंग: एक वकील से दस्तावेज तैयार करवाएं। इसमें प्रिंसिपल और एजेंट का विवरण, शक्तियां, और अवधि स्पष्ट करें।
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स्टांप पेपर: सामान्य POA के लिए 100-500 रुपये का स्टांप पेपर; संपत्ति के लिए 4% स्टांप ड्यूटी (संपत्ति मूल्य पर)।
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हस्ताक्षर और गवाह: प्रिंसिपल, एजेंट, और दो गवाहों के हस्ताक्षर। नोटरी से सत्यापन।
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रजिस्ट्रेशन: संपत्ति से जुड़े POA के लिए सब-रजिस्ट्रार ऑफिस में पंजीकरण अनिवार्य। फीस: 1000-5000 रुपये। ऑनलाइन अपॉइंटमेंट IGRS UP (igrsup.gov.in) से।
रजिस्ट्रेशन न होने पर दस्तावेज कोर्ट में अमान्य हो सकता है। रद्द करने के लिए रिवोकेशन डीड बनाएं और एजेंट को सूचित करें।
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NRI के लिए पावर ऑफ अटॉर्नी: विदेश से प्रक्रिया
NRI के लिए पावर ऑफ अटॉर्नी बनाना थोड़ा अलग है क्योंकि वे भारत में मौजूद नहीं होते। 2025 में प्रक्रिया:
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दूतावास में सत्यापन: भारतीय दूतावास या कांसुलेट में POA पर हस्ताक्षर करें। फीस: 20-50 USD। पासपोर्ट, वीजा, और निवास प्रमाण जरूरी।
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अपोस्टिल: हेग कन्वेंशन देशों (जैसे USA, UK) में अपोस्टिल अनिवार्य। प्रक्रिया में 2-4 दिन लगते हैं (NRIWAY, 2025)।
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भारत में रजिस्ट्रेशन: दस्तावेज भारत भेजें। एजेंट या वकील IGRS UP पोर्टल पर रजिस्टर कर सकता है। हिंदी अनुवाद की आवश्यकता हो सकती है।
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डिजिटल सुविधा: 2025 में UP में ऑनलाइन सबमिशन शुरू, जिससे समय बचता है।
सावधानी: केवल भरोसेमंद एजेंट चुनें। डेटा से, 30% NRI POA विवाद गलत एजेंट चुनने से होते हैं।
उत्तर प्रदेश में पावर ऑफ अटॉर्नी के नियम
उत्तर प्रदेश में पावर ऑफ अटॉर्नी संपत्ति प्रबंधन और बिक्री में व्यापक रूप से उपयोग होता है। 2023 के बाद नियम:
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रक्त संबंधी नियम: संपत्ति से जुड़े POA केवल रक्त संबंधियों (जैसे माता-पिता, भाई-बहन) को प्राथमिकता। गैर-रिश्तेदारों के लिए सख्त जांच।
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स्टांप ड्यूटी: संपत्ति मूल्य पर 4%। सामान्य POA के लिए 100-500 रुपये।
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रजिस्ट्रेशन अनिवार्य: IGRS UP पोर्टल से अपॉइंटमेंट। डेटा: UP में 10 लाख POA सालाना रजिस्टर, 30% NRI से।
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डिजिटल प्रक्रिया: 2025 में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन बढ़ा, जिससे प्रक्रिया तेज हुई।
गलत ड्राफ्टिंग से कोर्ट केस हो सकता है, इसलिए वकील से सलाह लें।
2025 के कानूनी अपडेट और सुप्रीम कोर्ट के फैसले
2025 में पावर ऑफ अटॉर्नी के लिए महत्वपूर्ण अपडेट:
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सुप्रीम कोर्ट फैसला: अक्टूबर 2025 में, SCC ऑनलाइन के अनुसार, POA से संपत्ति का स्वामित्व हस्तांतरण अमान्य है। रजिस्टर्ड सेल डीड जरूरी।
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MEA गाइडलाइंस: NRI के लिए सिग्नेचर पासपोर्ट से मिलान जरूरी।
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1882 एक्ट: कोई बदलाव नहीं, लेकिन डिजिटल सत्यापन बढ़ा (व्हाइटक्रॉफ्ट फोर्ड, 2025)।
2025 से, POA से रजिस्ट्रेशन में एजेंट साइन कर सकता है, लेकिन मालिकाना हक के लिए सेल डीड जरूरी।
पावर ऑफ अटॉर्नी सावधानियां और प्रैक्टिकल टिप्स
पावर ऑफ अटॉर्नी में गलतियां महंगी पड़ सकती हैं। सामान्य त्रुटियां:
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अधिक शक्तियां देना: हमेशा सीमित और विशिष्ट शक्तियां दें।
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रजिस्ट्रेशन छोड़ना: संपत्ति POA के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी।
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गलत एजेंट: केवल भरोसेमंद व्यक्ति चुनें।
टिप्स:
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स्पेशल POA यूज करें।
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डिजिटल कॉपी सुरक्षित रखें।
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हर 5 साल में POA रिव्यू करें।
डेटा: 40% POA विवाद कोर्ट में जाते हैं।
लागत और वैधता
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लागत: ड्राफ्टिंग 500-2000 रुपये, रजिस्ट्रेशन 1000-5000 रुपये। स्टांप ड्यूटी: संपत्ति पर 4%।
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वैधता: आजीवन या निर्दिष्ट समय तक। रिन्यूअल नहीं, नया POA बनाएं।
निष्कर्ष: अगला कदम
2025 में पावर ऑफ अटॉर्नी संपत्ति प्रबंधन के लिए एक शक्तिशाली उपकरण है, बशर्ते सही ढंग से उपयोग हो। NRI और UP के निवासियों के लिए नियम समझना जरूरी है। अगर आपके पास विशिष्ट सवाल हैं, जैसे POA ड्राफ्टिंग या रजिस्ट्रेशन, तो डायरेक्ट चैट में पूछें। कमेंट सेक्शन उपलब्ध नहीं है, कानूनी विशेषज्ञ से संपर्क करें।
सही जानकारी से आपकी संपत्ति सुरक्षित रहेगी।