UP की उड़ान: GBC-5 में ₹10 लाख करोड़ निवेश, 50 लाख नौकरियाँ, और ट्रिलियन डॉलर का सपना

क्या आप जानते हैं कि उत्तर प्रदेश भारत की सबसे तेजी से उभरती आर्थिक शक्ति बन रहा है? राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं के तहत, 2025 में कोई ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) तो नहीं, लेकिन नवंबर में ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (GBC-5) का आयोजन होने वाला है, जो ₹10 लाख करोड़ तक के निवेश प्रोजेक्ट्स को जमीन पर उतारेगा। यह इवेंट राज्य को ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा। अगला GIS फरवरी 2026 में होगा, जहां और भी बड़े निवेश प्रस्तावों की उम्मीद है। इस ब्लॉग में हम विस्तार से जानेंगे पिछली समिट्स की सफल कहानियां, GBC-5 की ताजा अपडेट्स, निवेश लक्ष्यों, प्रमुख सेक्टर्स, आकर्षक इंसेंटिव्स, ग्लोबल आउटरीच स्ट्रेटेजी, आर्थिक प्रभाव और भविष्य की योजनाओं के बारे में।

GBC-5 GIS investment निवेश

उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और सफलताएं

उत्तर प्रदेश सरकार ने निवेशकों को राज्य की ओर आकर्षित करने के लिए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की शुरुआत 2018 में की थी। पहली समिट में ₹4.28 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव आए, जो उस समय एक बड़ा माइलस्टोन था। लेकिन असली धमाका 2023 के GIS में हुआ, जहां रिकॉर्ड ₹33.50 लाख करोड़ के प्रस्ताव प्राप्त हुए। इन प्रस्तावों से राज्य में औद्योगिक क्रांति की नींव पड़ी, जिसमें प्रमुख कंपनियों जैसे टाटा, रिलायंस, अडानी और विदेशी निवेशकों ने हिस्सा लिया।

पिछली चार GBC सेरेमनीज में कुल ₹10 लाख करोड़ से अधिक के प्रोजेक्ट्स को लॉन्च किया गया, जिससे लाखों रोजगार पैदा हुए। उदाहरण के लिए, GBC-4 में ₹2.5 लाख करोड़ के प्रोजेक्ट्स शुरू हुए, जिनमें डेटा सेंटर्स, मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट शामिल थे। इन समिट्स का मुख्य उद्देश्य राज्य में रोजगार सृजन, औद्योगिक विकास, बुनियादी ढांचे को मजबूत करना और ग्रामीण क्षेत्रों तक लाभ पहुंचाना है। GBC समिट के बाद निवेश प्रस्तावों को वास्तविकता में बदलने का महत्वपूर्ण चरण है, जहां प्रोजेक्ट्स की नींव रखी जाती है। अब तक की सफलताओं से प्रेरित होकर, सरकार GBC-5 की तैयारी में जुटी है, जो नवंबर 2025 में होगी।

GBC-5: 2025 का सबसे बड़ा निवेश इवेंट, ₹10 लाख करोड़ का लक्ष्य

2025 में GIS न होने के बावजूद, GBC-5 राज्य के आर्थिक कैलेंडर का हाइलाइट होगा। यह नवंबर में आयोजित होगा, जहां शुरू में ₹5 लाख करोड़ के प्रोजेक्ट्स लॉन्च होने की योजना है, लेकिन अधिकारियों का अनुमान है कि यह आंकड़ा इवेंट तक ₹10 लाख करोड़ तक पहुंच जाएगा। यह इवेंट ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दृष्टि को मजबूत करेगा और उत्तर प्रदेश को प्रमुख औद्योगिक हब बनाएगा। पिछली GBC से अलग, GBC-5 का फोकस ग्रेटर नोएडा से आगे बढ़कर बुंदेलखंड, पूर्वांचल और छोटे शहरों (बी-कैटेगरी टाउन) पर है, ताकि संतुलित विकास हो।

मुख्य विवरण और ताजा अपडेटेड डेटा:

  • निवेश लक्ष्य और प्रोजेक्ट्स की संख्या: कुल 16,478 प्रोजेक्ट्स ₹12.10 लाख करोड़ के मूल्य के हैं। इनमें से 8,363 प्रोजेक्ट्स (₹4.33 लाख करोड़) पहले से ही कमर्शियल ऑपरेशन में चल रहे हैं, जबकि 8,115 प्रोजेक्ट्स (₹7.76 लाख करोड़) कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं। Invest UP ने हाल ही में उत्पादन चरण में पहुंच चुके 8,000 से अधिक प्रोजेक्ट्स की लिस्टिंग शुरू की है, जो पारदर्शिता को बढ़ावा देगी।
  • प्रमुख सेक्टर्स पर फोकस: बुंदेलखंड में फार्मास्यूटिकल्स और सोलर पावर प्लांट्स को प्राथमिकता दी जा रही है, जहां बड़ी जमीन उपलब्ध है। ग्रेटर नोएडा में डेटा सेंटर्स, आईटी कंपनियां और ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCC) का विस्तार होगा। अन्य प्रमुख सेक्टर्स में फुटवियर, लेदर प्रोडक्ट्स, सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल, डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स शामिल हैं। हालिया अपडेट्स में, चीन से शिफ्ट हो रही 371 कंपनियों को टारगेट किया जा रहा है, जो ‘चाइना+1’ स्ट्रेटेजी का हिस्सा है।
  • क्षेत्रीय विकास की योजनाएं: बुंदेलखंड को डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के छह नोड्स में से एक के रूप में विकसित किया जा रहा है, जो रक्षा क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देगा। छोटे शहरों में यूनिट्स स्थापित करने वाले उद्यमियों को अतिरिक्त छूट मिलेगी, जैसे लैंड सब्सिडी और टैक्स ब्रेक्स, ताकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत हो।
  • आकर्षक इंसेंटिव्स और नीतियां: सरकार ने निवेशकों को लुभाने के लिए कई स्कीम्स लॉन्च की हैं। उदाहरण:
    • कैपिटल सब्सिडी: 25% योग्य कैपिटल इन्वेस्टमेंट पर (लेवल-1 GCC के लिए ₹10 करोड़ तक, एडवांस्ड GCC के लिए ₹25 करोड़ तक, 7 वर्षों में वितरित)।
    • क्विक इन्वेस्टमेंट प्रमोशन स्कीम: तेजी से अप्रूवल और फंड रिलीज।
    • एक्सपैंशन इंसेंटिव्स: मौजूदा यूनिट्स के विस्तार पर एक्जेम्प्शन लिमिट्स बढ़ाई गईं।
    • एमएसएमई से बड़े एंटरप्राइज में कन्वर्जन: आसान प्रक्रिया और अतिरिक्त लाभ।
    • हर महीने 10 कंपनियों को लेटर्स ऑफ कम्फर्ट (LOC) जारी करने का लक्ष्य, हाल ही में ₹2 लाख करोड़ निवेश वाली 62 कंपनियों को LOC दिए गए।
  • अन्य महत्वपूर्ण अपडेट्स: GBC-5 दिवाली के बाद होगी, ताकि उत्सव के माहौल में निवेशकों का स्वागत हो। सरकार ने Invest UP को रिस्ट्रक्चर किया है, जिसमें प्राइवेट सेक्टर से जनरल मैनेजर्स हायर किए जा रहे हैं, ताकि निवेश प्रक्रिया और पारदर्शी हो।

GBC-5 न केवल निवेश लाएगा, बल्कि राज्य के हर कोने में विकास की लहर फैलाएगा।

निवेश आउटरीच स्ट्रेटेजी: ग्लोबल रोड शो और नेशनल कैंपेन

उत्तर प्रदेश सरकार ने जुलाई 2025 में एक नई आउटरीच स्ट्रेटेजी लॉन्च की है, जिसका मुख्य उद्देश्य ‘चाइना+1’ अप्रोच के तहत विदेशी निवेशकों को आकर्षित करना है। यह स्ट्रेटेजी GBC-5 और GIS 2026 दोनों के लिए आधार बनेगी।

  • इंटरनेशनल रोडशोज: सितंबर-अक्टूबर 2025 में सिंगापुर, जापान, साउथ कोरिया, यूएई, कतर और कनाडा में आयोजित होंगे। इनमें प्रमुख निवेशकों से राउंडटेबल मीटिंग्स होंगी, जहां राज्य की नीतियां, इंसेंटिव्स और अवसरों पर चर्चा होगी।
  • नेशनल रोडशोज: दिसंबर 2025 से जनवरी 2026 तक मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु जैसे प्रमुख भारतीय शहरों में। इनमें घरेलू कंपनियों को टारगेट किया जाएगा।
  • रणनीतिक कदम: हर पखवाड़े निवेशक राउंडटेबल मीटिंग्स, साप्ताहिक फीडबैक पर स्ट्रेटेजी रिव्यू, और विदेश मंत्रालय के साथ सहयोग। इसके अलावा, लंदन, पेरिस, टोक्यो जैसे ग्लोबल फाइनेंशियल हब्स में रोडशोज की योजना है। यह सब GIS 2026 के लिए नए निवेश प्रस्ताव आकर्षित करने का मजबूत आधार तैयार करेगा।

GIS 2026: अगला बड़ा माइलस्टोन, ₹35+ लाख करोड़ के प्रस्तावों की उम्मीद

फरवरी 2026 में होने वाला GIS राज्य के लिए अगला मेगा इवेंट होगा। 2023 की सफलता को दोहराने के लिए सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है, जहां ₹35 लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्तावों का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में, न्यू आउटरीच पॉलिसी, GCC पॉलिसी, फुटवियर एंड लेदर प्रोडक्ट्स पॉलिसी जैसी नीतियां प्रचारित की जा रही हैं। अप्रैल 2025 में Invest UP को रिस्ट्रक्चर करने से निवेश प्रक्रिया और तेज हुई है। GIS 2026 में 88 लाख करोड़ तक के MoUs का अनुमान है, जो राज्य को आर्थिक महाशक्ति बनाएगा।

आर्थिक प्रभाव: रोजगार, GDP और ट्रिलियन डॉलर का सपना

इन इवेंट्स से उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ेगा। पिछली समिट्स से लाखों रोजगार पैदा हुए हैं, और GBC-5 से अकेले 50 लाख से अधिक जॉब्स की उम्मीद है। राज्य का GDP योगदान बढ़ रहा है, और ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी का लक्ष्य 2027 तक हासिल करने की योजना है। बुंदेलखंड जैसे पिछड़े क्षेत्रों में विकास से असमानता कम होगी, और सस्टेनेबल डेवलपमेंट को बढ़ावा मिलेगा।

निष्कर्ष: उत्तर प्रदेश का सुनहरा भविष्य

उत्तर प्रदेश तेजी से भारत की आर्थिक रीढ़ बन रहा है। GBC-5 2025 में लाखों करोड़ के निवेश को वास्तविकता में बदलकर राज्य रोजगार, विकास और समृद्धि को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा, जबकि GIS 2026 और बड़े सपनों को साकार करेगा। डेटा दिखाते हैं कि 16,000+ प्रोजेक्ट्स पहले से प्रगति पर हैं, जो सरकार की प्रतिबद्धता का प्रमाण हैं। यदि आप निवेशक हैं, तो Invest UP की वेबसाइट पर जाकर संपर्क करें।

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